अपने करनामों के चलते पुलिस व्यवस्था समय समय पर चर्चाओं में आती रही है। लेकिन इस बार उत्तरप्रदेश की बरेली जिले की पुलिस अपने ही बुने जाल में फंस गई है। एक युवक ने आरोप लगाया कि इज्जतनगर पुलिस ने उसे फर्जी केस में फंसाने के लिए 60 हजार रुपये की मांग की और उसे गलत तरीके से गिरफ्तार कर लिया। युवक का दावा है कि उसे सट्टा खेलने के आरोप में फंसाने के लिए उसके मोबाइल से सट्टे के संदेश भेजे गए।
यह घटना 25 नवंबर 2024 की शाम सात बजे की है, जब दीपक नामक युवक इज्जतनगर थाने के पास से गुजर रहा था। युवक का आरोप है कि एक सिपाही और बैरियर टू चौकी के दरोगा ने उसे पकड़ लिया, और थाने ले जाकर उससे पैसे की मांग की। जब दीपक ने पैसे देने से इनकार किया, तो आरोप है कि पुलिस ने उसे पीटा, उसका मोबाइल छीन लिया और उस पर सट्टे के संदेश भेज दिए। इसके बाद, 26 नवंबर को दीपक को सट्टा खेलने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
दीपक के आरोपों को पुलिस की अपनी लिखापढ़ी से भी पुष्टि मिलती है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि दीपक को रात 10:12 बजे गिरफ्तार किया गया और उसके मोबाइल में सट्टे के संदेश मिले, जिनका समय 26 नवंबर को रात 1:09 और 1:45 बजे के बीच था। यह समय पूरी तरह से दीपक के आरोपों के खिलाफ जाता है, क्योंकि वह कहता है कि पुलिस ने उसे मारपीट कर उसका मोबाइल छीन लिया था और संदेश बाद में भेजे गए थे।
दीपक का कहना है कि पुलिस की पिटाई से उसके कान में गंभीर चोट आई है। एडीजी से की गई शिकायत में उसने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसके साथ यह सब किया क्योंकि वह रुपये देने से इंकार कर रहा था। एडीजी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।