एसटीएफ ने एक लाख के इनामी को मथुरा में मुठभेड़ में मार गिराया। बदमाश की पुलिस की गोली से मौत हो गई। वह मुख्तार और शाहबुद्दीन का शार्प शूटर था। एसटीएफ कई दिनों से शातिर को दबोचने के लिए लगी हुई थी।
जानकारी के अनुसार, बदमाश का नाम पंकज यादव है। एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेंद्र शाही ने बताया कि सुबह चार बजे बदमाश को फरह पर होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने उसे साथी के साथ घेर लिया था। पंकज ने गोली चलाई तो पुलिस ने भी गोली चलाई तो पंकज गिर गया। उसके तीन गोली लगी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। साथी भागने में सफल हो गया। पंकज पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक लाख रुपये का इनामी बदमाश बुधवार सुबह राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया। एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स को एक लाख के इनामी बदमाश पंकज यादव के मथुरा के फरह क्षेत्र में मौजूद होने की सूचना मिली थी।
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर मोटरसाइकिल सवार यादव को रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने टीम पर गोलीबारी शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ टीम ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें यादव मारा गया, जबकि उसका एक साथी मौके से फरार होने में सफल रहा।
सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल से एक पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, कारतूस और मोटरसाइकिल बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि यादव उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी और बिहार में शहाबुद्दीन गैंग के लिए कथित तौर पर भाड़े पर हत्या करवाता था।
सूत्रों के मुताबिक, यादव पर हत्या, लूट, डकैती और रंगदारी जैसे जघन्य अपराधों में 36 मुकदमे दर्ज थे। उन्होंने बताया कि यादव अगस्त 2009 में मऊ में हुए ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह राम सिंह मौर्य और उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी सतीश की मार्च 2010 में हुई हत्या मामले में भी आरोपी था।