उत्तराखण्ड कुमाऊं गढ़वाल देहरादून मौसम

बिजली की गड़गड़ाहट और तेज़ हवाएं… मौसम अभी और बनेगा मुसीबत, ये है ताजा अपडेट

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने वाला है। मौसम विभाग ने सोमवार को राज्य के कई पर्वतीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिलों के कुछ इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है।

यह भी पढ़ें 👉  महिलाओं से छेड़छाड़... लोगों को धमकाया! झूठे आरोप लगाने वाला ब्लॉगर गिरफ्तार

वहीं, अन्य जिलों में भी तेज बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका के चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, कई क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है।

यह भी पढ़ें 👉  तीर्थ यात्रियों के लिए अलर्ट!... उत्तराखंड के मंदिरों में शुरू हो रहा नया सिस्टम

मौसम विभाग ने लोगों से विशेषकर पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में सतर्कता बरतने की अपील की है। जिन क्षेत्रों में भूस्खलन और नदी-नालों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना रहती है, वहां लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी पहुंचे सीएम धामी...रोपित किया पौधा, अतिक्रमण पर कही ये बड़ी बात

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, राज्यभर में यह बारिश का सिलसिला दो अगस्त तक जारी रह सकता है। इसको देखते हुए राज्य प्रशासन ने सभी संबंधित जिलों को अलर्ट पर रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में