उत्तराखंड में नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान हुए विवाद से जुड़े मामले में शुक्रवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार से अब तक की गई जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
मामले में जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण, एक मतपत्र पर ओवरराइटिंग और चुनाव की निष्पक्षता को लेकर स्वतः संज्ञान के तहत और पीड़ित पक्ष की ओर से दाखिल याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की गई।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत से जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए दो दिन की मोहलत दी और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 15 अक्टूबर निर्धारित की है।
राज्य सरकार ने बताया कि घटना की जांच सीआईडी को सौंपी गई है और रिपोर्ट प्रक्रिया में है। इस पर पीड़ित पक्ष की ओर से आपत्ति जताते हुए कहा गया कि जिस वक्त कथित अपहरण की घटना हुई, सीआईडी पहले से मौके पर मौजूद थी, ऐसे में उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। पीड़ितों ने जांच किसी उच्चस्तरीय स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की।
गौरतलब है कि 14 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कुछ सदस्यों के कथित अपहरण और गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई थीं। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
दो महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं की गई है, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और अगली सुनवाई तक जांच की स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
