कांग्रेस पार्टी में इस समय भारी हलचल मची हुई है। पार्टी ने अनुशासन तोड़ने और पार्टी-विरोधी काम करने के आरोप में सात नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। अनुशासन समिति ने इन सभी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया। बिहार में जिन नेताओं को निष्कासित किया गया है, उनमें आदित्य पासवान, शकील्लुर रहमान, राज कुमार शर्मा, राज कुमार राजन, कुंदन गुप्ता, कंचना कुमारी और रवि गोल्डन शामिल हैं।
दरअसल, कुछ समय पहले पार्टी ने 43 नेताओं को नोटिस भेजा था। नोटिस मिलने के बाद ये नेता नाराज़ हो गए और उन्होंने पार्टी ऑफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और प्रभारी कृष्ण अल्लावरु पर विधानसभा चुनाव के टिकट बांटने में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। जब पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव उन्हें शांत कराने आए तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी भी जोरदार हूटिंग कर दी और “टिकट चोर वापस जाओ” जैसे नारे लगाए।
- बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। 2020 में जहां पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार वह सिर्फ 6 सीटों पर सिमट गई। हार के बाद पार्टी के अंदर पुराने मतभेद खुलकर सामने आ गए। कई नेताओं ने आरोप लगाया कि टिकट देने में गलत लोगों को प्राथमिकता दी गई और भाजपा के समर्थकों को भी मौका दिया गया। इसी वजह से नाराजगी बढ़ती गई और अंत में मामला धरने-प्रदर्शन तक जा पहुंचा।
एआईसीसी सदस्य माधव आनंद के नेतृत्व में असंतुष्ट नेता सदाकत आश्रम में बैठकर नारेबाजी करते रहे। पप्पू यादव भी उन्हें समझाने में नाकाम रहे। अंततः पार्टी ने कड़ा कदम उठाते हुए सात नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया।


