उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से 14 दिनों के भीतर जिला पंचायतों के चुनाव का कार्यक्रम बताने के लिए कहा है। यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक के रूप में नियुक्त करने के खिलाफ चुनौती दी गई थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने इस याचिका की सुनवाई की। खंडपीठ ने राज्य सरकार से जिला पंचायतों में चुनाव कराए जाने का कार्यक्रम शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।
यह याचिका ऊधमसिंह नगर के निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य सुमन सिंह ने दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 30 नवंबर 2024 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें यह आदेश दिया गया था कि जब तक चुनाव नहीं होते, तब तक निवर्तमान अध्यक्षों को ही प्रशासक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ऊधमसिंह नगर जिला पंचायत में भी यही आदेश लागू किया गया था।
याचिका में यह भी कहा गया कि राज्य सरकार ने 2010 में हाईकोर्ट में एक सहमति पत्र दिया था, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रशासकों की तैनाती नहीं की जाएगी। लेकिन अब राज्य सरकार चुनावों के बजाय निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त कर रही है, जो कि संविधान और पंचायतीराज अधिनियम के खिलाफ है।
याचिका में यह आरोप भी लगाया गया कि राज्य सरकार को जिला पंचायत के कार्यकाल समाप्त होने के छह माह पहले चुनाव का कार्यक्रम घोषित करना चाहिए था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया। याचिका में राज्य सरकार से निवेदन किया गया है कि वह प्रशासक नियुक्त करने के बजाय चुनाव कराए।