उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम यात्रा मार्ग पर नंदप्रयाग के समीप पर्थाडीप क्षेत्र भूस्खलन का नया केंद्र बनता जा रहा है। यहां 40 मीटर के हिस्से में चीड़ के पेड़ों के साथ पहाड़ी दरक रही है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बार-बार बाधित हो रहा है।
यह भूस्खलन 25 साल बाद फिर से सक्रिय हुआ है, जिससे बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नंदप्रयाग बाजार से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित पर्थाडीप भूस्खलन क्षेत्र में कच्चे पहाड़ हैं और चट्टानों की कमी के कारण बारिश होते ही मिट्टी खिसकने लगती है। इस मिट्टी में रेत की अधिकता भी समस्या बढ़ा रही है, जिससे यह हाईवे की ओर खिसक रही है।
1999 में पर्थाडीप की पहाड़ी के निचले हिस्से से भूस्खलन शुरू हुआ था और वर्ष 2013 तक यह यातायात के लिए बाधक बना रहा। केदारनाथ आपदा के बाद बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने बिना पहाड़ी से छेड़छाड़ किए सुरक्षा दीवार का निर्माण किया था, जिससे कुछ समय के लिए भूस्खलन रुका। लेकिन वर्ष 2022 में ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य के दौरान यह फिर से सक्रिय हो गया और अब यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
पर्थाडीप में बदरीनाथ हाईवे पिछले 30 दिनों में से 19 दिन बाधित रहा है, जिससे स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। फिलहाल, हाईवे के किनारे भारी मात्रा में मलबा जमा हुआ है, जो यात्रा को और भी मुश्किल बना रहा है।