इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर काटकर 12 किलो सोना, चांदी और नकदी चोरी होने के मामले में पुलिस ने छह किलो सोना, 14 किलो चांदी और 13 लाख रुपये नकदी बरामद किए थे। हालांकि, इस बरामदगी को लेकर स्वाट टीम पर गंभीर आरोप लगे, जिसके बाद मंगलवार रात डीसीपी पूर्वी ने टीम को भंग कर दिया।
यह मामला उत्तरप्रदेश के लखनऊ के चिनहट में सामने आया। डीजीपी प्रशांत कुमार को मामले की जानकारी मिलने पर उन्होंने डीसीपी शशांक सिंह को फटकार लगाई, जिसके बाद गुरुवार को पूरी स्वाट टीम को लाइन हाजिर कर दिया गया। जांच अधिकारी एडीसीपी पूर्वी पंकज कुमार सिंह ने स्वाट टीम के सभी सदस्यों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है।
शुरुआती जांच में गड़बड़ी सामने आई:
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि चोरी के बाद स्वाट टीम के दारोगा सतीश कुमार, सिपाही अजय कुमार, मनोज कुमार सिंह और हितेश सिंह गाजीपुर जिले में दबिश देने गए थे। हालांकि, जब वे माल लेकर वापस आए, तो मनोज को छोड़कर बाकी तीन पुलिसकर्मी अवकाश पर चले गए और चार से पांच दिन तक गायब रहे। बाद में जब बैंक मैनेजर ने चोरी के माल की जानकारी दी तो 12 किलो सोना गायब पाया गया, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
डीसीपी ने कार्रवाई की:
डीसीपी शशांक सिंह ने टीम के खराब प्रदर्शन और पुरानी शिकायतों का हवाला देते हुए स्वाट टीम को भंग कर दिया। स्वाट टीम के प्रभारी एसआई सतीश कुमार और अन्य सभी 13 पुलिसकर्मियों को गुरुवार रात को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एडीसीपी पंकज कुमार सिंह ने सभी पुलिसकर्मियों से तीन दिन के अंदर बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।