उत्तराखंड में एक अद्भुत और दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में चर्चा छेड़ दी है। देवभूमि की धार्मिक परंपराओं के बीच उत्तरकाशी जिले के चिणाखोली गांव की नागराज देवडोली ग्रामीणों के साथ चोर की तलाश में सीधा कोतवाली पहुंच गई। आश्चर्यजनक रूप से देवडोली के बताए स्थान से चोरी हुआ सामान भी बरामद कर लिया गया।
ग्रामीण केदार सिंह चौहान के अनुसार, कुछ दिन पहले दो युवक गांव में आए थे। उन्होंने सेम नागराजा मंदिर में पुजारी विकेश सेमवाल से बातचीत करते हुए गांव की जानकारी ली। बाद में पुजारी किसी काम से घर चले गए, वहीं गांव के लोग भी एक शादी समारोह में व्यस्त थे। इस दौरान दूल्हा–दुल्हन भी मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे।
जब पुजारी मंदिर लौटे तो देखा कि मंदिर का दरवाजा टूटा हुआ है और दानपात्र के साथ देवता की मूर्ति गायब है। ग्रामीणों ने तत्काल कोतवाली में इसकी सूचना दी।
शक के आधार पर पुलिस ने गांव आए दोनों युवकों को हिरासत में लिया, लेकिन उनके पास चोरी का सामान नहीं मिला, जिससे मामला उलझ गया।
ग्रामीणों ने इसके बाद परंपरा के अनुसार सेम नागराजा की देवडोली से पूछताछ की। देवडोली ने कहा कि उन्हें थाने ले जाया जाए और वे वहीं चोर की पहचान करेंगी। इसके बाद पूरा गांव देवडोली के साथ नगर कोतवाली पहुंचा।
कोतवाली में देवडोली ने हिरासत में लिए दोनों युवकों को चोरी का आरोपी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में कुल पांच लोग शामिल थे, हालांकि गांव में केवल दो ही पहुंचे थे।
देवडोली के बताए स्थान पर ग्रामीणों ने गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर जंगल में दानपात्र और देवमूर्ति बरामद कर ली। ग्रामीणों का कहना है कि देवडोली ने आरोपियों पर आर्थिक दंड लगाने की बात भी कही है।
कोतवाल भावना कैंथोला ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल किसी भी पक्ष ने लिखित तहरीर नहीं


