उत्तराखंड में कांग्रेस संगठन की अंदरूनी कलह की एक ताजा तस्वीर सामने आई है। एक ओर जहाँ पार्टी संगठन को मजबूत करने की कवायद कर रही है, वहीं दूसरी ओर आपसी विवाद और गुटबाज़ी संगठन को कमजोर करने का काम कर रही है। ऐसा ही नज़ारा गुरुवार, 4 सितंबर को रुद्रपुर स्थित सिटी क्लब में देखने को मिला, जब कांग्रेस के नगर इकाई गठन को लेकर बुलाई गई बैठक में जमकर हंगामा और मारपीट हुई।
जानकारी के मुताबिक, यह बैठक कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत बुलाई गई थी, जिसमें एआईसीसी के पर्यवेक्षक डॉ. नरेश कुमार, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। बैठक का उद्देश्य पार्टी के नगर अध्यक्ष पद को लेकर कार्यकर्ताओं की राय जानना था।
बैठक के दौरान जब पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे, तभी अचानक दो गुटों के बीच तीखी बहस छिड़ गई, जो देखते ही देखते गाली-गलौज और फिर हाथापाई में बदल गई। मारपीट के चलते बैठक स्थल पर अफरा-तफरी मच गई और सिटी क्लब कुछ देर के लिए अखाड़े में तब्दील हो गया।
वरिष्ठ नेताओं ने विवाद को शांत करने की कोशिश की, लेकिन काफी देर तक कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार स्थिति को किसी तरह काबू में लाया गया।
पर्यवेक्षक हरेंद्र बोरा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि नगर अध्यक्ष पद को लेकर कार्यकर्ताओं से बातचीत की जा रही थी, तभी कुछ लोगों के बीच कहासुनी हो गई जो बाद में विवाद में बदल गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हंगामा करने वाले कार्यकर्ताओं की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना कांग्रेस की आंतरिक एकजुटता पर सवाल खड़े करती है और बताती है कि संगठन को मजबूत करने से पहले पार्टी को अपने भीतर की दरारों को भरना जरूरी है।