अनुशासन हीनता मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा लिए गए फैसले के बाद विभाग में बवाल खड़ा हो गया है। यूपी सरकार ने अनुसचिव व अनुभाग अधिकारी को निलंबित कर दिया है, लेकिन इस निलंबन पर विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी मीना असहमत बताई जा रही हैं।
यह मामला अलीगढ़ स्थित एक चीनी मिल की लीज से जुड़ा है। मुख्य सचिव ने 29 अक्टूबर 2024 को बैठक में इस मिल की लीज अवधि 30 साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया था, ताकि मिल पर नया शुगर काम्प्लेक्स बनाया जा सके। बावजूद इसके, अनुभाग अधिकारी सत्यव्रत सिंह ने लीज डीड का विस्तार न करने के पक्ष में प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जो मुख्य सचिव के निर्णय के खिलाफ था। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस निर्णय पर गहरी नाराजगी जताई और प्रमुख सचिव वीना कुमारी मीना से स्पष्टीकरण मांगा है। सूत्रों के मुताबिक, वीना कुमारी मीना इस निलंबन से सहमत नहीं हैं क्योंकि लीज डीड की अवधि न बढ़ाने का निर्णय उनके द्वारा लिया गया था।
इस विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश सचिवालय संघ के अध्यक्ष अर्जुन भारती के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वीना कुमारी मीना से मुलाकात की और निलंबन के खिलाफ विरोध दर्ज किया। अर्जुन भारती ने कहा कि प्रमुख सचिव निलंबन से असहमत हैं और वह सचिवालय प्रशासन को पत्र भेजने की तैयारी कर रही हैं। सचिवालय संघ ने भी निर्णय लिया है कि प्रमुख सचिव के पत्र के बाद ही संबंधित अधिकारी से वार्ता की जाएगी।
मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन के अधिकारियों को निलंबन आदेश जारी करने में किसी प्रकार की ढिलाई या हीला-हवाली करने पर कड़ी फटकार भी लगाई है। यह मामला विभाग में गहरी खींचतान का कारण बन गया है और अब देखना होगा कि यह विवाद किस दिशा में बढ़ता है।