स्कूल के बगल स्थित शराब के ठेके के कारण आए दिन शराबियों के हुड़दंग से परेशान एलकेजी में पढ़ने वाले पांच साल के बच्चे की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी कि स्कूल के बगल के शराब के ठेके का नवीनीकरण हर साल कैसे होता जा रहा है। सरकार की ओर से कहा गया कि शराब का ठेका 30 वर्ष पुराना चला आ रहा है और स्कूल 2019 में खुला है। अथर्व के अधिवक्ता आशुतोष शर्मा के मुताबिक मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने का समय देते हुए सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख लगाई है।
मामला कानपुर नगर में चिड़ियाघर के पास स्थित आजाद नगर मोहल्ले का है। पांच साल का अथर्व दीक्षित आजाद नगर स्थित सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में एलकेजी का छात्र है। स्कूल से महज 20 मीटर दूर शराब का ठेका है। नियम के मुताबिक सरकारी ठेका दिन में दस बजे के बाद ही खुलना चाहिए लेकिन वहां अक्सर सुबह छह-सात बजे से ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। लोग शराब के नशे में हुड़दंग करते हैं। स्कूल के पास रिहायशी बस्ती भी है, जहां सैकड़ों लोग रहते हैं।
पांच वर्षीय अथर्व शराबियों के हुडदंग से न सिर्फ परेशान होता है, बल्कि उसे रास्ते में डर भी लगता है। अथर्व के कहने पर उसके परिवार वालों ने कानपुर के अफसरों से लेकर राज्य सरकार तक कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कहा गया कि यह स्कूल 2019 में खुला है जबकि शराब का ठेका तकरीबन 30 साल पुराना है। इस पर अथर्व ने परिवार वालों की मदद यह जनहित याचिका दाखिल की।
हाईकोर्ट में प्रारम्भिक सुनवाई पर सरकार की ओर से कहा गया कि शराब का ठेका काफी पुराना है जबकि स्कूल कुछ साल पहले ही खुला है। इस पर कोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा था कि स्कूल खुलने के बाद साल दर साल शराब के ठेके का नवीनीकरण आखिरकार कैसे हो रहा है। इस मामले की 28 अप्रेल को फ्रेश कैस के तौर पर ही सुनवाई होगी।