एक भगौड़े अपराधी को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने ऐसा जाल बिछाया कि जिसके बारे में जानकर हर कोई पुलिस की तारीफ किए बिना नहीं रह पा रहा है। इस अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस ने अपराधियों की ही तर्ज पर हनी ट्रैप का जाल बिछाया, जिसमें पिछले 10 साल से फरार यह अपराधी फंस गया। इसके लिए पुलिस ने एक फर्जी इंस्टाग्राम हैंडल (ID) बनाई, जिसमें एक पुरुष कांस्टेबल ने खुद को महिला के रूप में पेश किया।
इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि 45 वर्षीय बंटी को लुभाने के लिए कांस्टेबल नेफर्जी इंस्टाग्राम हैंडल बनाया। बंटी पर दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों में स्नैचिंग, चोरी, अवैध हथियार रखने और अवैध शराब की तस्करी के 20 मामले दर्ज हैं।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मनोज कुमार मीना ने कहा, ‘तिलक नगर पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में 26 जून, 2013 को शहर की अदालत ने आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया था।’ मीना ने उसे एक आदतन अपराधी बताते हुए कहा कि टीम द्वारा उसे पकड़ने के लिए की गई कोशिशों के बाद भी वह गिरफ्त से बाहर था।
डीसीपी ने बताया कि इस साल टीम को सूचना मिली कि बंटी इंदिरा विकास कॉलोनी में छिपा हुआ है। इसके बाद जब टीम ने उस पर नजर रखी तो पता चला कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कर रहा है और वहां उसका अकाउंट भी है।
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, ‘इसके बाद टीम ने कई जाल बिछाए और आरोपी को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह गिरफ्त में नहीं आया। इसके बाद टीम के सदस्य हेड कांस्टेबल ओमप्रकाश डागर को एक नया आइडिया आया। कांस्टेबल ने एक लड़की के नाम से फर्जी इंस्टाग्राम हैंडल बनाया और आरोपी बंटी से चैट करना शुरू कर दिया।’
डीसीपी ने बताया कि बंटी ने भी इस लड़की बनकर बात कर रहे कांस्टेबल से तुरंत दोस्ती कर ली और मिलने के लिए बेकरार होने लगा। बाद में वह पंजाबी बाग मेट्रो स्टेशन पर इस फर्जी लड़की से मिलने के लिए तैयार भी हो गया। पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘7 जून को मुलाकात तय हुई। टीम तैयार थी और उसने तकनीक की मदद से एक रणनीतिक जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी मौके पर पहुंचा, उसे पंजाबी बाग मेट्रो स्टेशन से सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया।’
लम्बे समय तक बंटी के फरार रहने की वजह बताते हुए डीसीपी ने कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लगातार अपना पता और फोन नंबर बदलता रहता था। इसी वजह से पकड़ में नहीं आया।