उत्तराखंड में कांग्रेस ने मंगलवार को तीव्र आक्रोश जताया। सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता विभिन्न मुद्दों को लेकर राजधानी देहरादून में राजभवन की ओर कूच किए। कांग्रेस भवन से हाथी बड़कला तक नारेबाजी करते हुए पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच जोरदार धक्का-मुक्की हुई। कई कांग्रेसी नेता बैरिकेडिंग पर चढ़कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों में से कई नेताओं को हिरासत में लेकर रेसकोर्स पुलिस लाइन भेज दिया।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य की कानून व्यवस्था, पंचायत चुनाव में गड़बड़ी और आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे अपहरण, गोलीबारी जैसी घटनाएं हुईं, जिसमें कांग्रेस समर्थित महिला प्रत्याशियों के पतियों का अपहरण भी शामिल है। माहरा ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और ऐसी घटनाएं पहले कभी नहीं हुईं।
उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड, हरिद्वार में 13 वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म, और राष्ट्रपति के दौरे के दौरान ज्वेलरी शोरूम में करोड़ों की चोरी को प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था के उदाहरण बताया। इसके साथ ही उन्होंने आपदा प्रबंधन में भी सरकार की लापरवाही को उजागर किया। धराली में आपदा प्रभावितों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल सकीं, जबकि थराली में मुख्यमंत्री भी पीड़ितों से मिलने में नाकाम रहे।
पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं की वजह से कई गंभीर घटनाएं हुई हैं, जिसमें पंचायत चुनाव के दौरान पुलिस और प्रशासन का संरक्षण भी शामिल है। रावत ने कहा कि जब तक इस सरकार को हटाया नहीं जाएगा, कांग्रेस के कार्यकर्ता चैन से नहीं बैठेंगे।