उत्तराखंड कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद घमासान सा मचा हुआ है। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता, धीरेंद्र प्रताप ने राज्य में हाल ही में हुए निकाय चुनावों के दौरान पार्टी द्वारा वितरित किए गए टिकटों में बड़े पैमाने पर हेर-फेर की ओर इशारा करते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को एक पत्र भेजकर इन घटनाओं को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और आरोप लगाया कि पार्टी के कई जिलों के अध्यक्षों ने मनमानी करके आलाकमान द्वारा घोषित प्रत्याशियों के टिकट काट दिए।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि पार्टी के निष्ठावान और योग्य उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिलने के कारण निराशा तो स्वाभाविक थी, लेकिन इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि कई स्थानों पर पार्टी की घोषित सूची में भी बदलाव किया गया। जिलों और नगर अध्यक्षों ने अपनी मर्जी से टिकटों में हेर-फेर कर दिए, जिससे कई उम्मीदवारों के लिए चुनावी पर्चा दाखिल करना संभव नहीं हो पाया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी ने टिकट में बदलाव की कोशिश की और समय की कमी के कारण अंतिम क्षणों में उम्मीदवार पर्चा नहीं भर सके, तो यह घटना बेहद शर्मनाक है।
धीरेंद्र प्रताप ने पार्टी के अनुशासन की कीमत पर इस प्रकार की अनियमितताओं को खारिज करते हुए कहा कि यदि जिला और नगर अध्यक्षों ने इस प्रकार की मनमानी की है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के राज्य प्रभारी सुरेंद्र शर्मा से भी मामले में हस्तक्षेप की अपील की। पार्टी की केंद्रीय प्रभारी शैलजा से इस मुद्दे पर बातचीत करने की उनकी कोशिशें विफल रही, इसके बारे में भी उन्होंने अपनी चिंता जताई।
इस पत्र के माध्यम से धीरेंद्र प्रताप ने पार्टी के भीतर ऐसे घपलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को बल दिया है, ताकि भविष्य में ऐसे मुद्दे पार्टी की साख पर प्रश्नचिन्ह न लगा सकें।