उत्तराखंड में तहसील दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशभर की सभी तहसीलों में आयोजित कार्यक्रमों में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया और जनता से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसमस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और तहसील स्तर पर ही निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों को जिला मुख्यालय या शासन स्तर तक न जाना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील दिवस आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए एक मजबूत मंच है और इसका उद्देश्य है कि हर शिकायत का समयबद्ध निस्तारण हो। उन्होंने अधिकारियों से तहसील दिवस को 100 प्रतिशत प्रभावी बनाने और सभी शिकायतों पर नियमित फॉलोअप सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने चेतावनी दी कि जो लोग आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज गलत तरीके से और झूठी जानकारी देकर बनवा रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के अधिकारों और संसाधनों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
सीएम ने सरकारी भूमि, नदी-नालों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों पर अतिक्रमण रोकने के लिए भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूमि विवादों के समाधान के लिए तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें पुलिस, वन, सिंचाई विभाग समेत संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति सरकारी भूमि की सुरक्षा और निजी भूमि विवादों के समाधान के लिए कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर प्रदेशभर में “सेवा पखवाड़ा” आयोजित किया जाएगा। उन्होंने जनता से इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की। सीएम ने कहा कि सेवा पखवाड़ा समाज को जोड़ने और सेवा भावना को आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य वर्तमान में आपदा की स्थिति से गुजर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर नुकसान का त्वरित आकलन करने और राहत व पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी प्रभावित परिवारों से संवाद करने और मौके पर पहुंचने को कहा।
सीएम धामी ने अधिकारियों को बीडीसी (ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी) और जिला पंचायत की बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में भागीदारी से अधिकारियों को जमीनी स्तर की वास्तविक समस्याओं की जानकारी मिलती है, जिससे प्रभावी समाधान की योजना बनाई जा सकती है।