उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सेवक संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सौर स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने योजना के प्रभाव और लाभार्थियों के अनुभवों को जाना तथा सुझावों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ये सुझाव भविष्य में योजना को और अधिक प्रभावी, व्यावहारिक और जनहितैषी बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार सौर ऊर्जा को आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार बना रही है, और खासतौर पर महिलाओं की भूमिका इस दिशा में बेहद सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने वाली महिलाओं को अब “सौर सखी” के नाम से पहचाना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सौर सखी” के रूप में सक्रिय महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियों को राज्य स्तर पर साझा किया जाएगा ताकि अन्य महिलाएं भी इस दिशा में आगे आकर स्वरोजगार की राह पर बढ़ सकें। यह पहल मातृशक्ति को सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के राज्य सरकार के प्रयासों का एक अहम हिस्सा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में संचालित *सौर स्वरोजगार योजना* आज न केवल राज्य के युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना “विकसित उत्तराखंड, विकसित भारत” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।