पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) पर की गई भीषण मोर्टार फायरिंग और गोलाबारी में जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले में गुरुवार रात को 16 नागरिकों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 59 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला उस समय हुआ जब सीमावर्ती गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया अभी जारी थी।
इस हमले को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6-7 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर की गई सर्जिकल कार्रवाई के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। सेना और बीएसएफ ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी चौकियों पर भारी गोलीबारी की है।
एलओसी से महज 2-3 किमी दूर स्थित पूंछ शहर इस बार सीधे निशाने पर रहा। पहले कभी ऐसे हमलों से अछूता रहा पूंछ, इस बार नागरिक क्षेत्रों पर हुए हमलों से दहल उठा। मारे गए अधिकतर लोग सीमा से सटे गांवों के निवासी थे, जिन्हें अब तक पूरी तरह से सुरक्षित स्थानों पर नहीं ले जाया जा सका था।
स्थानीय अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है। चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि घायलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।
पाकिस्तानी सेना की यह गोलाबारी केवल पूंछ तक सीमित नहीं रही। मंगलवार और बुधवार की रात को उरी, बारामुला, करनाह, तंगधार, मेंढर और राजौरी जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में भी भारी फायरिंग और मोर्टार हमले दर्ज किए गए। इन क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में नागरिकों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पहले से चिन्हित सामुदायिक बंकरों, स्कूलों और सरकारी भवनों को शरणस्थलों के रूप में सक्रिय किया है। पिछले दो दिनों में सैकड़ों नागरिकों को इन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
प्रशासन के अनुसार, सीमावर्ती जिलों के अधिकारी 24×7 एकीकृत नियंत्रण कक्ष के माध्यम से लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि निकासी, चिकित्सा सहायता, ब्लैकआउट और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए।
भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय ने घटनाक्रम पर गहरी नजर रखी हुई है। उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठकें चल रही हैं और सेना को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।