उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हल्द्वानी दौरे से पहले विरोध की तैयारी कर रहे युवा कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। सोमवार को कांग्रेस के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत साहू के राजपुरा स्थित आवास पर भारी पुलिस बल ने दबिश दी। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए “मुख्यमंत्री वापस जाओ”, “गरीबों के मकानों से लाल निशान हटाओ” जैसे नारे लगाए।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुई और जमकर धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने हेमंत साहू सहित कई नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया।
हेमंत साहू ने प्रशासन की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री केवल हवाई दौरे कर रहे हैं और सरकारी धन की बर्बादी कर रहे हैं, जबकि जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हल्द्वानी के कई क्षेत्रों, खासकर राजपुरा में, घरों पर लाल निशान लगाकर गरीबों को डराया जा रहा है।
साहू ने कहा, “जब-जब मुख्यमंत्री को जनता के विरोध का डर होता है, वे लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने के लिए पुलिस का सहारा लेते हैं। यह जनता के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।”
वहीं पार्षद प्रीति आर्या और युवा नेता दीपा खत्री ने आरोप लगाया कि हल्द्वानी की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे है और स्मैक जैसे नशे के कारोबार ने युवाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।
हाउस अरेस्ट किए गए अन्य नेताओं में पार्षद प्रीति आर्या, दीपा खत्री, मयंक गोस्वामी, निर्भय खत्री, कागज आर्या सहित कई अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।
