कहते हैं प्यार और जंग में सबकुछ जायज है। ऐसा ही मामला यहां प्रकाश में आया है। बरेली के फरीदपुर में पुलिस ने उच्च न्यायालय में कोर्ट मैरिज के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर याचिका दायर करने वाले एक प्रेमी-युगल के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। यह घटना तब सामने आई जब फरीदपुर क्षेत्र की एक लड़की ने अपने प्रेमी के साथ घर से भागकर 13 अगस्त को आर्य समाज मंदिर में शादी की थी।
दोनों ने अपने जन्म प्रमाण पत्रों के माध्यम से खुद को बालिग बताया था और कोर्ट मैरिज के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। दावा किया गया कि इन प्रमाण पत्रों को नगर निगम बरेली से जारी किया गया था, लेकिन जब उच्च न्यायालय ने इन प्रमाण पत्रों की जांच का आदेश दिया, तो पुलिस ने पाया कि ये प्रमाण पत्र फर्जी थे और नगर निगम से जारी नहीं किए गए थे।
इसके बाद, कैंट पुलिस ने प्रेमी और प्रेमिका के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज पेश करने और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि प्रेमी-युगल अपने माता-पिता से जान का खतरा बताते हुए 7 दिसंबर को पुलिस में एक रिपोर्ट भी दर्ज करवा चुके थे, जो भी झूठी निकली।
पुलिस ने बताया कि दोनों प्रेमी-युगल असल में नाबालिग हैं, जैसा कि उनके स्कूली दस्तावेजों से साबित हुआ है। कैंट पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
विवेचना अधिकारी, इंस्पेक्टर विनोद कुमार त्यागी ने कहा, “प्रेमी युगल द्वारा प्रस्तुत किए गए जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं और मामले की जांच की जा रही है।