पुलिस विभाग से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। कहने को तो उत्तर प्रदेश पुलिस अक्सर किसी न किसी विवाद में घिरी रहती है, लेकिन कानपुर जिले का यह मामला पुलिस के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गया है। कल्याणपुर थाने से आपराधिक मामलों की नौ केस डायरी गायब हो गई, जो न केवल लापरवाही का मामला है, बल्कि पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करता है।
यह घटना तब सामने आई जब एडीसीपी वेस्ट ने मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि संबंधित पुलिसकर्मियों ने केस डायरी को जानबूझकर गायब कर दिया था। इसके बाद, संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर केस डायरी थाने में जमा करने के निर्देश दिए गए। हालांकि, इन अधिकारियों की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिससे मामला और गंभीर हो गया। परिणामस्वरूप, सात दरोगाओं और अन्य दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
इस पूरे मामले की रिपोर्ट हेड मुहर्रिर प्रताप भान सिंह ने दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सात दरोगाओं समेत नौ पुलिसकर्मी जिम्मेदार थे। इसके बाद, इस मामले की जांच दरोगा रवि कुमार शर्मा को सौंप दी गई है। साथ ही, विवेचना में लापरवाही बरतने वाले विवेक को नोटिस जारी किया जाएगा और अगर वह केस डायरी वापस नहीं करता, तो सभी लंबित मामलों की नए सिरे से विवेचना की जाएगी। डीसीपी वेस्ट आरके सिंह ने पुष्टि की कि अब तक जिन मामलों में परचे कट चुके थे, वे सही हैं, लेकिन बाकी मामलों में नए सिरे से जांच होगी।
इस घटना के बाद जिन पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है, उनमें उपनिरीक्षक देवेंद्र कुमार, रामचंद्र दोहरे, चंद्रभान सिंह, नरेंद्र बहादुर सिंह, प्रेम बाबू गोयल, दिनेश कुमार सिंह, इम्तियाज अहमद, हेड कांस्टेबल बृजेश कुमार मिश्रा और हेड पेशी पुष्पेंद्र सिंह शामिल हैं। अब पुलिस प्रशासन की कोशिश है कि इन मामलों की शीघ्रता से और सही तरीके से जांच की जाए।