ड्राई आइज यानी आंखों में सूखापन की स्थिति अंधेपन का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया लोगों में बढ़ते स्क्रीनटाइम के कारण ड्राई आइज की दिक्कत बढ़ने का खतरा इन दिनों सबसे अधिक देखा जा रहा है, इसके अलावा गर्मियों की एक आदत भी इस जोखिम को बढ़ाने वाली पाई गई है। इतना ही नहीं जिन लोगों को पहले से ही आंखों में सूखापन की दिक्कत रही है उनके लिए समस्याओं के और भी बढ़ने का खतरा हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, एयर कंडीशनिंग (एसी) में ज्यादा समय बिताने वाले लोगों में आंखों के सूखापन बढ़ने का जोखिम अधिक देखा जा रहा है। एसी की हवा वातावरण में शुष्की बढ़ा देती है जिसका न सिर्फ आंखों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं साथ ही सांस से संबंधित समस्याओं का भी खतरा हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एसी भले ही गर्मियों में आरामदायक माहौल देती है पर इसके अधिक इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए।
एसी के कारण बढ़ सकती हैं आंखों की दिक्कतें
क्या आप भी एसी में कुछ समय बिताने के बाद आंखों में जलन, किरकिरापन, चिपचिपाहट, खुजली महसूस करते हैं? अगर हां तो सावधान हो जाइए ये ड्राई आइज समस्या का संकेत हो सकती है। डॉक्टर बताते हैं ड्राई आई सिंड्रोम या आंखों में सूखापन बढ़ने की स्थिति, आंसू की परतों में होने वाली दिक्कत या आंसू के उत्पादन की कमी को दर्शाता है।
एसी वाले स्थान जहां तापमान बहुत कम होता है वहां वातावरण में नमी की भी कमी हो जाती है। हवा में शुष्की बढ़ने के कारण आंखों में मौजूद आंसू का भी वाष्पीकरण होने लगता है जिससे आंखों में सूखापन की समस्या बढ़ने लग जाती है।
आंखों की नमी कम होना समस्याकारक
डॉक्टर बताते हैं, आंखों को स्वस्थ रखने के लिए वातावरण का तापमान ज्यादा कम या अधिक नहीं होना चाहिए। यहीं कारण है कि सिर्फ एसी ही नहीं सर्दियों में हीटर के भी अधिक इस्तेमाल के कारण भी आंखों में सूखापन का खतरा बढ़ जाता है।
आंखों के गोलक को हाइड्रेटेड रहने और आरामदायक तरीके से चारो तरफ घूमने के लिए नमी की आवश्यकता होती है। इसीलिए आंखों में प्राकृतिक रूप से आंसू का उत्पादन होता रहता है। हालांकि तापमान में बदलाव के कारण आंसू के उत्पादन प्रभावित हो जाता है जिसके कारण आंखों में दर्द, लालिमा, जलन का खतरा बढ़ जाता है।
ड्राई आइज की समस्या से कैसे बचा जा सकता है?
नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते हैं, गर्मियों में कुछ बातों का ध्यान रखकर आंखों में होने वाली समस्याओं से बचाव किया जा सकता है।
वातानुकूलित कमरों में ज्यादा समय बिताने से बचें।
एसी का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं रखा जाना चाहिए।
अपने चेहरे को एयर कंडीशनर की ओर करके बैठने से बचें, जिससे आंखें सीधे एयर कंडीशनर की हवा के संपर्क में न आएं।
जिस कमरे में एयरकंडीशनर हो वहां पर वेंटिलेशन की भी अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे हवा का संचार बेहतर बना रहे।
आंखों में सूखापन की समस्या से बचे रहने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन भी जरूर किया जाना चाहिए।
कंप्यूटर या मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से भी बचा जाना चाहिए। ये भी ड्राई आइज के खतरे को बढ़ाने वाले हो सकते हैं।
क्या है डॉक्टर्स की सलाह?
नेत्र विशेषज्ञ बताते हैं आंखें बहुत ही संवेदनशील अंग हैं, ऐसे में इसकी देखभाल को लेकर भी विशेष सावधानी बरतना जरूरी है। अगर आपको आंखों में कोई भी दिक्कत जैसे लालिमा, दर्द, जलन, चुभन कुछ समय से बनी हुई है तो खुद से किसी दवा या आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से बचें। बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा के इस्तेमाल से आंखों को गंभीर क्षति होने का खतरा हो सकता है। एसी-हीटर के सीधे संपर्क में बैठने से बचा जाना चाहिए।