उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल मुख्यालय में 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद चौतरफा आक्रोश व्याप्त है। सरोवर नगरी में माहौल तनावपूर्ण है। इस मामले में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख अपनाया है।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के लिए वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध करेंगी।
कुसुम कंडवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा से फोन पर बात की और उनसे सख्त कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने और ठेकेदार के सभी लाइसेंस निरस्त करने का भी आग्रह किया।
कुसुम कंडवाल ने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से निवेदन किया जाएगा कि ऐसी गंदी मानसिकता वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए, ताकि उन्हें जल्दी से जल्दी कड़ी सजा मिल सके। इसके साथ ही, उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर भी चलाया जाए।”
महिला आयोग की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पीड़ित नाबालिग बच्ची और उसके परिवार से राज्य महिला आयोग की सदस्य उर्मिला जोशी मिलेंगी और उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। इस मामले से जुड़ी सभी जानकारी आयोग को उपलब्ध कराई जाएगी।
कुसुम कंडवाल ने ऐसे अपराधियों को समाज का दुश्मन करार देते हुए कहा कि मानवता के खिलाफ इस अपराध को अंजाम देने वाले लोगों को जीने का कोई हक नहीं है। उन्होंने आरोपियों को फांसी की सजा देने की भी बात की।
मामला क्या था? नैनीताल के 65 वर्षीय ठेकेदार पर आरोप है कि उसने तीन महीने तक लगातार 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म किया। बच्ची के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार उनकी बेटी के साथ इस अपराध को अंजाम दे रहा था।
आरोपी ठेकेदार विशेष समुदाय से है और वह करीब 50 वर्षों से नैनीताल में अपने परिवार के साथ रह रहा है। वह नैनीताल लोक निर्माण विभाग और अन्य सरकारी दफ्तरों में लाइसेंसधारी ठेकेदार है।