उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और राज्य आंदोलनकारियों की संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह द्वारा गैरसैण में आगामी बजट सत्र आयोजित किए जाने की मांग के बयान का समर्थन किया है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि गैरसैण राज्य आंदोलनकारियों के सपनों की राजधानी है, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी द्वारा इसे नजरअंदाज किया जाना राज्य के 16,674 गांवों में रहने वाले लोगों का अपमान है।
उन्होंने कहा कि गैरसैण राज्य आंदोलनकारियों की आत्मा है, और जिस तरह इसे लगातार राजनीतिक नक्शे से हटाने की कोशिशें हो रही हैं, यह उत्तराखंड की जनता के साथ धोखा है।
उन्होंने यह भी कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा गैरसैण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का वादा केवल वोटों की राजनीति थी। मुख्यमंत्री को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए, और राज्यपाल से भी यह अपील की कि सरकार का ध्यान इस मुद्दे पर आकर्षित करें, ताकि जनता द्वारा महत्वपूर्ण माने जाने वाले स्थानों का अपमान न हो।
इसके अलावा, उन्होंने राज्य में कड़ा भू-कानून लागू करने का समर्थन किया और कांग्रेस विधायकों से यह राय दी कि अगर सरकार बजट सत्र को देहरादून में आयोजित करने पर अड़ी रहती है, तो कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा और विपक्षी नेता यशपाल आर्य को देहरादून में बजट सत्र का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए।


