वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लगातार आठवां बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने के प्रयासों की दिशा में कई अहम घोषणाएं की।
कृषि क्षेत्र में, उन्होंने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ का एलान किया, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, सिंचाई और भंडारण क्षमता में सुधार करना और खेती में विविधता लाना है। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके अलावा, दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए छह साल का मिशन शुरू किया जाएगा। बिहार में मखाना उत्पादन बढ़ाने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय फूड टेक्नोलॉजी संस्थान स्थापित किया जाएगा।
एमएसएमई के लिए, वित्त मंत्री ने क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाने और निवेश की सीमा में 2.5 गुना वृद्धि करने का ऐलान किया। इसके साथ ही, सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट की योजना शुरू की जाएगी, जिनकी सीमा ₹5 लाख होगी। एमएसएमई के लिए अन्य योजनाओं में टर्म लोन का ऐलान किया गया, जिसमें 2 करोड़ रुपये तक के टर्म लोन दिए जाएंगे, विशेष रूप से महिला और एससी, एसटी वर्ग के उद्यमियों को फायदा होगा।
महिलाओं के लिए, वित्त मंत्री ने नई योजना की घोषणा की जिसमें एससी, एसटी महिलाओं को 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन मिलेगा। इसके अलावा, सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएंगी, ताकि नवाचार और स्किलिंग को बढ़ावा मिले।
शिक्षा क्षेत्र में, वित्त मंत्री ने 10,000 अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज सीटों की घोषणा की और आईआईटी पटना को विस्तारित बुनियादी ढांचे के लिए मदद प्रदान करने का एलान किया। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए विशेष संस्थान की स्थापना की जाएगी।
वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ फंड ऑफ फंड्स योजना का एक और राउंड शुरू करने का ऐलान किया, जिससे उभरते उद्यमियों को नए अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, गिग वर्कर्स के लिए ई-श्रम कार्ड और पहचान पत्र की योजना भी बनाई जाएगी।
इस बजट के जरिए सरकार ने कृषि, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, एमएसएमई, स्टार्टअप्स और स्वास्थ्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी।