उत्तराखंड सरकार ने उच्च न्यायालय में गुरुवार को ओबीसी आरक्षण को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर अध्यादेश लाकर अपनी मुहर लगाएगी। यह निर्णय रूद्रपुर निवासी रिजवान अंसारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के जवाबी हलफनामे पर संतुष्टि जताई। हलफनामे में सरकार ने बताया कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश ब्रह्म सिंह वर्मा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की थी, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया है। साथ ही मंत्रिमंडल ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है। सरकार ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले में आगामी दो सप्ताह में अध्यादेश जारी कर इसे लागू करेगी। अब 15 दिनों के भीतर ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश जारी कर दिया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने अदालत से यह मांग की थी कि 2011 की जनसंख्या के आधार पर निकाय चुनाव कराए जाएं और ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या में वृद्धि हुई है। सरकार के हलफनामे के बाद अदालत ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया।