उत्तराखंड में इस समय बारिश और बर्फबारी का एक नया दौर शुरू हो चुका है, जिससे प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में ठंड और भी बढ़ गई है। चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों जैसे बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, औली और हनुमान चट्टी में हो रही बर्फबारी ने न सिर्फ ठंड को बढ़ाया है, बल्कि यह किसानों के लिए एक सुखद समाचार लेकर आई है। फरवरी के तीसरे हफ्ते में हुई बर्फबारी से किसानों के चेहरे खिल गए हैं, क्योंकि यह मौसम उनके फसलों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
चमोली के निचले इलाकों में हो रही बारिश ने ठंड का असर और भी बढ़ा दिया है। लोग अपनी सुरक्षा के लिए अलाव जलाकर गर्मी हासिल कर रहे हैं, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ के फाहे गिर रहे हैं, जिससे पहाड़ों की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं। इन बर्फ से ढके इलाकों ने चांदी जैसी चमक ली है, जो किसी जादू से कम नहीं है।
इस बर्फबारी के साथ पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है। औली की ओर रुख कर रहे पर्यटक इस खूबसूरत बर्फबारी का आनंद लेने के लिए उत्साहित हैं। स्थानीय व्यवसायी भी इस मौसम से खुश हैं, क्योंकि बर्फबारी कम देखने को मिल रही थी और अब यह पर्यटन उद्योग को नई उम्मीद दे रही है।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमालयी क्षेत्रों में 2800 मीटर से अधिक ऊंचाई पर बर्फबारी की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, शुक्रवार तक यह प्रभाव रहेगा, जबकि बारिश का असर धीरे-धीरे कम हो जाएगा।
उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी और ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फबारी हो रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री के आसपास के क्षेत्रों में घने बादल छाए हुए हैं, और मां गंगा के शीतकालीन प्रवास, मुखबा में भी बर्फबारी ने दृश्य को और भी आकर्षक बना दिया है। इन इलाकों में बर्फबारी से वातावरण में एक जादुई एहसास आ गया है, जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहा है।