उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों कैबिनेट विस्तार, पार्टी के अंदरूनी मतभेद और कांग्रेस के तीखे हमलों को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। हालिया पंचायत चुनावों में हुए विवादों, धराली आपदा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एकल दौरे और विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे ने कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दिया। इसी बीच बीजेपी नेताओं की दिल्ली में हुई बैठक और कुछ वरिष्ठ नेताओं की गैरहाजिरी ने चर्चाओं को और हवा दी। अब इन तमाम सवालों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने साफ शब्दों में प्रतिक्रिया दी है।
महेंद्र भट्ट ने बताया कि पार्टी संगठन की नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। आपदा प्रभावित जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में दो दिन के भीतर कार्य समितियों का गठन कर दिया जाएगा, जिसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
उत्तराखंड सरकार में लंबे समय से कैबिनेट के कई पद खाली हैं, जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इस पर भट्ट ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री धामी और केंद्रीय नेतृत्व से कैबिनेट विस्तार के लिए औपचारिक अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, “राज्य में पांच मंत्री पद खाली हैं और उन्हें भरने की अब पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री धामी भी इस विषय में केंद्रीय हाईकमान से बात कर चुके हैं।”
प्रदेश में बार-बार मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं पर भी महेंद्र भट्ट ने दो टूक कहा कि, “उत्तराखंड में ये एक ट्रेंड बन चुका है कि हर बार लोग सोचते हैं कि मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।” उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही 2027 का विधानसभा चुनाव नेतृत्व में लड़ेंगे, और सरकार अपना पूरा कार्यकाल जनहित के कार्यों के दम पर पूरा करेगी।
भट्ट ने उन खबरों को भी खारिज किया जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नाराज होने और बैठकों से दूर रहने की बात कही जा रही थी। उन्होंने कहा कि संगठन में कोई मतभेद या असंतोष नहीं है, और जो लोग इस तरह की बातें फैला रहे हैं, वे केवल राजनीतिक अफवाहों को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं।