उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में बर्ड फ्लू ने चिंता बढ़ा दी है। ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा और किच्छा क्षेत्रों में पोल्ट्री फार्मों में अब तक 3200 से अधिक मुर्गियों की मौत हो चुकी है। किच्छा में बर्ड फ्लू की पुष्टि 2222 मुर्गियों में हुई है, जबकि खटीमा के चकरपुर क्षेत्र में मंगलवार को 1020 मुर्गियां मृत पाई गईं। मृत मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर हैं। प्रभावित क्षेत्रों में मुर्गियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है और निगरानी तेज कर दी गई है।
बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए अल्मोड़ा और कार्बेट नेशनल पार्क सहित वन्यजीव केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अल्मोड़ा के एनटीडी स्थित चिड़ियाघर में पर्यटकों को सैनिटाइज किए बिना प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। पर्यटकों और जानवरों के बीच उचित दूरी बनाए रखने पर ज़ोर है।
कार्बेट नेशनल पार्क में कर्मचारियों को पीपीई किट पहनकर ही बाघ और गुलदारों के पास जाने की अनुमति है। रेस्क्यू सेंटरों में बिना सुरक्षा उपायों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
बागेश्वर जिले के सोली गांव से भेजे गए 77 सैंपलों में से एक में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में सतर्कता बढ़ा दी गई है। वहीं पिथौरागढ़ में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियातन 22 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और प्रभावित क्षेत्रों से मुर्गी सप्लाई पर रोक लगा दी गई है।
बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए पशुपालन विभाग, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। पोल्ट्री फार्मों की निगरानी की जा रही है और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। लोगों से भी सतर्क रहने और किसी भी असामान्य स्थिति की सूचना तुरंत देने की अपील की गई है।