दिल्ली में पिछले सोमवार (10 नवंबर) को लाल किले के पास हुए जोरदार धमाके को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि जैश से जुड़े फिदायीन हमलावर डॉ. उमर उन नबी ने संभवत: ‘जूता बम’ का इस्तेमाल करके वह धमाका किया जिसमें अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 20 लोग बुरी तरह घायल हुए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि धमाके वाले जगह से मिले सामानों और एकत्रित किए गए सबूतों में एक जूते पर जांचकर्ताओं का ध्यान केंद्रित हो गया है, जो उमर की कार i20 से बरामद किया गया था। इसमें बेहद खतरनाक विस्फोटक TATP के अंश मिले हैं जिसे ‘शैतान की मां’ भी कहा जाता है।
टीएटीपी (Triacetone Triperoxide) बेहद संवेदनशील होता जो हल्के घर्षण या गर्मी से फट सकता है। इसलिए इसे ‘मदर ऑफ सैटन’ या शैतान की मां भी कहा जाता है। टीएटीपी के अंश उमर के जूते और टायर पर मिले हैं। माना जा रहा है कि फिदायीन हमला करने वाले डॉ. उमर ने गाड़ी में रखे विस्फोटकों को उड़ाने के लिए जूते में टीएटीपी को रखा धमाके के लिए इसका इस्तेमाल किया होगा।
धमाके की जांच कर रही टीमों ने यह भी पुष्टि की है कि जैश के आतंकियों ने बड़े हमले के लिए काफी मात्रा में TATP जमा कर रखी थी और लाल किले विस्फोट में TATP और अमोनियम नाइट्रेट का मिश्रण इस्तेमाल किया गया था। धमाके से पहले फरीदाबाद में दो आंतकी डॉक्टरों के ठिकानों से करीब 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था।
राष्ट्रीय राजधानी में 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटकों से लदी एक कार में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। लाल किले के पास विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई कार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा का डॉक्टर उमर नबी चला रहा था। उमर ‘वॉइट कॉलर’ मॉड्यूल का एक आतंकी था जिसका भंडाफोड़ मुख्य रूप से हरियाणा के फरीदाबाद से विस्फोटकों की बरामदगी के बाद हुआ था। मॉड्यूल के कुछ आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उमर अपनी कार से विस्फोटक लेकर निकला और लाल किले के पास बीच सड़क उसने यह धमाका कर दिया।


