दोषी दरोगाओं पर शासन कभी भी कर सकता है बड़ी कार्रवाई
देहरादून। दरोगा भर्ती घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस ने रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसे शासन को सौंप दिया गया है। अंदेशा जताया जा रहा है कि इस मामले में कई दरोगाओं के खिलाफ पैसे देकर भर्ती होने के साक्ष्य मिले हैं। अब शासन इस मामले में कभी भी कार्रवाई कर सकता है।
गौरतलब है कि मई 2022 में एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली की जांच शुरू की थी। इस जांच में कई आरोपियों और नकल माफिया को गिरफ्तार भी किया गया। इस बीच पहले कुछ और भर्तियों में धांधली की बात सामने आई। पता चला कि 2015 में हुई दरोगा सीधी भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। यह परीक्षा पंत नगर विवि ने आयोजित कराई थी।
पुलिस मुख्यालय की संस्तुति के बाद इस मामले को विजिलेंस को सौंपा गया था। विजिलेंस ने आठ अक्तूबर 2022 को नकल माफिया समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया था। तब से इस मामले की जांच चल रही थी। शक के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जनवरी 2023 में 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया था। इस पूरे मामले में दरोगाओं और उनके परिजनों की संपत्तियों की जांच भी की गई।