उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 28 जुलाई को होना है, लेकिन इससे पहले एक अहम कानूनी मोड़ सामने आया है। नैनीताल हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव को लेकर अवमानना याचिका दायर की गई है, जिसकी जल्द सुनवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
यह याचिका शक्ति सिंह बर्तवाल द्वारा दाखिल की गई है, जो राज्य निर्वाचन आयोग पर हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों की अवहेलना का आरोप लगा रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने उन उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी, जिनके नाम दो अलग-अलग वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। जबकि इससे पहले हाईकोर्ट इस विषय में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर चुका है कि दोहरी वोटर लिस्ट में नाम वाले व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते।
याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्होंने करीब 500 ऐसे प्रत्याशियों की सूची आयोग को सौंपी थी, जिनके नाम दो जगह वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। बावजूद इसके आयोग की ओर से इन उम्मीदवारों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई, जो कि सीधे तौर पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है।
फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करने में जुटा है, और 31 जुलाई को 12 जिलों में मतगणना होनी है। लेकिन इस विवाद के चलते अब आयोग की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। अगर हाईकोर्ट अवमानना याचिका पर सख्त रुख अपनाता है, तो आयोग को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ सकती है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द सुनवाई की संभावना जताई जा रही है। पूरे प्रदेश की नजर अब हाईकोर्ट के निर्णय पर टिकी है, क्योंकि इससे पंचायत चुनाव की वैधता और प्रक्रिया पर भी प्रभाव पड़ सकता है।