कप्तानगंज-हाटा-गौरीबाजार-रुद्रपुर मार्ग के चौड़ीकरण के नाम पर छह करोड़ रुपये का बजट मंगाकर सरकारी धन के दुरुपयोग की साजिश अब भारी पड़ती नजर आ रही है। इस मामले में लोक निर्माण विभाग (PWD) के कनिष्ठ अभियंता (JE) राम गणेश पासवान को विभागाध्यक्ष मुकेश चंद शर्मा ने निलंबित कर दिया है। वहीं, अब सहायक अभियंता (AE) और अधिशासी अभियंता पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को फाइल भेजी जा चुकी है। यह कार्रवाई यूपी के देवरिया में की गई है।
पहले ही बन चुकी थी सड़क, फिर भेजा गया नया बजट प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार, यह सड़क पहले ही एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के सहयोग से बन चुकी थी। वर्ष 2015 में 50 किमी लंबी कप्तानगंज से रुद्रपुर तक की सड़क के निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया था, जिसमें गौरीबाजार से रुद्रपुर तक का कार्य जय शक्ति कंस्ट्रक्शन को मिला था। लगभग 10 करोड़ का भुगतान भी उस समय कर दिया गया था। बाकी बची राशि सरकार को लौटा दी गई थी।
बाद में 2022 में ADB द्वारा 38 करोड़ 64 लाख 20 हजार रुपये और जारी किए गए, जिससे सड़क का शेष कार्य पूर्ण हुआ। लेकिन 2025 में पुराने बांड का हवाला देते हुए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने 6 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग शासन से कर दी, जो पास भी हो गई।
जांच में तीन अधिकारी दोषी, JE सस्पेंड
मामले का खुलासा होने के बाद शासन को भेजा गया बजट वापस लौटा दिया गया। साथ ही मंडलीय अधीक्षण अभियंता, गोरखपुर ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसमें JE, AE और अधिशासी अभियंता की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जांच के आधार पर JE को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर गोरखपुर के चीफ इंजीनियर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
लिपिक का वीडियो वायरल, कार्रवाई तय
इस बीच विभाग के एक लिपिक का वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें वह अधिकारियों पर रौब झाड़ते हुए खुद को शासन से जुड़ा बता रहा है। वीडियो में उसने कहा, *”किसी की औकात नहीं जो मुझ पर कार्रवाई का ठीकरा फोड़ दे, अधीक्षण अभियंता समेत अन्य अधिकारियों को शासन तक पहुंचा दूंगा।”* वायरल वीडियो से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और सूत्रों की मानें तो लिपिक के खिलाफ भी जल्द सख्त कार्रवाई हो सकती है।