उत्तराखंड में निकाय चुनाव की सरगर्मी के बीच कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और संगठन के उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी के इस्तीफे के कुछ ही देर बाद पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।
मथुरादत्त जोशी के इस्तीफे ने कांग्रेस में एक उथल-पुथल मचा दी है। जोशी पार्टी में 45 साल से अधिक समय से सक्रिय थे और उनके इस्तीफे के साथ ही टिकट वितरण पर उठे सवालों ने कांग्रेस के भीतर असंतोष को उजागर किया। जोशी इस बात से नाराज थे कि इतनी लंबी सेवा के बावजूद उनकी पत्नी को पिथौरागढ़ मेयर का टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं पर खनन और शराब माफिया को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाए।
जोशी के इस बयानबाजी ने पार्टी में असहजता का माहौल बना दिया था। संगठन के स्तर पर उनकी आलोचना की जा रही थी और शनिवार को उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद, प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने उन्हें पार्टी की नीतियों के खिलाफ दुष्प्रचार करने और पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाने के आधार पर छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहर दसौनी ने जोशी के इस्तीफे और निष्कासन पर गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “जोशी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत हानि है। इतने सालों तक पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और सेवा के बाद उनका जाना बहुत ही दुखद है। मुझे लगता है राज्य में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है, जिसके साथ उनका संपर्क न रहा हो।”