अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पार्टी के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने गुरुवार को एक चुनावी रैली में ऐसा कुछ कह दिया जिससे विवाद खड़ा हो गया।
मीर ने कांग्रेस की ओर से यह वादा किया कि उनकी सरकार बनने पर गैस सिलेंडर की कीमत केवल 450 रुपये होगी, और इसका लाभ सभी को मिलेगा, चाहे वे हिंदू हों, मुसलमान हों या घुसपैठिए। इस बयान ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को आक्रोशित कर दिया और कांग्रेस और राज्य सरकार के खिलाफ तीव्र आरोप लगाए।
भा.ज.पा. ने मीर के बयान को कांग्रेस की तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण की नीति का उदाहरण बताया। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस घुसपैठियों को झारखंडियों के हक़ पर हमला कर उन्हें लाभ पहुंचाने की योजना बना रही है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही भाजपा ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “यह बयान मुस्लिम वोटबैंक को लुभाने की एक साजिश है, और कांग्रेस झारखंड के असली निवासियों का अधिकार छीनकर घुसपैठियों को देना चाहती है।”
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीर के बयान पर कहा, “कांग्रेस के इस बयान से साफ है कि वह झारखंड की पवित्र भूमि पर घुसपैठियों को शरण देने का काम कर रही है। लाखों घुसपैठिए राज्य में घुस आए हैं और कांग्रेस ने उन्हें मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड देने का काम किया है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कांग्रेस घुसपैठियों को सब्सिडी देने का वादा कर रही है, जबकि भाजपा इन घुसपैठियों को राज्य से बाहर करने के लिए कड़ी कार्रवाई करेगी। झारखंड के आदिवासियों के अधिकारों का कोई हनन नहीं होने दिया जाएगा।”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे को और गंभीर करते हुए कहा, “झारखंड में घुसपैठियों की संख्या बढ़ गई है, जो आदिवासियों की जमीन हड़पने में लगे हुए हैं और उनकी बेटियों से शादियां कर रहे हैं। भाजपा के आने पर हम इन घुसपैठियों को राज्य से बाहर करेंगे और आदिवासियों की जमीन वापस दिलवाएंगे।”
कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति और झारखंड में घुसपैठियों के खिलाफ भाजपा का कड़ा रुख, दोनों ही पक्षों के बीच युद्धस्तर पर राजनीति को भड़काने का काम कर रहे हैं। यह विवाद झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण मोड़ बना सकता है, जहां 20 नवंबर को मतदान होना है और 23 नवंबर को मतगणना होगी।