हल्द्वानी। बनभूलुपरा दंगे का मास्टर माइंड आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। वह 16 दिनों तक पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस की 6 टीमें उसकी तलाश में जुटी रही। इस बीच उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। मामले में दो अन्य आरोपी भी गिरफ्तार हुए हैं। इस तरह अब तक 82 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। पुलिस टीम को अधिकारियों ने ईनाम की घोषणा की है।
बता दें कि आठ फरवरी को बनभूलपुरा के मलिक के बगीचे में अवैध धार्मिक स्थल ध्वस्त करने के दौरान हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवियों ने पथराव करते हुए पुलिस के साथ ही नगर निगम और मीडिया कर्मियों पर हमले बोले थे। जिसमें कई घायल हो गए थे। इसके अलावा बनभूलपुरा थाने के साथ-साथ कई सरकारी और निजी वाहनों को भी फुंक दिया गया। स्थिति नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को कर्फ्यू भी लगाना पड़ा। इस मामले में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए। इसके बाद दंगाईयों की गिरफ्तारी शुरू कर दी गई।
मुख्य आरोपी के पकड़े जाने की खबरें भी कई बार सुर्खियों में आई। लेकिन वह पुलिस को चकमा देता रहा। उसकी गिरफ्तारी के लिए 16 दिन तक 6 टीमें अलग-अलग राज्यों-गुजरात, दिल्ली, मुम्बई, महाराष्ट्र, उ०प्र०, बिहार आदि सभी सम्भावित स्थानों पर लगातार दबिश देती रही। उक्त गठित टीमों में से 01 टीम द्वारा सफलता हासिल करते हुए दंगे में वांछित आरोपी अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में अब्दुल मलिक पुत्र अब्दुल रज्जाक निवासी लाईन न०-08, आजादनगर, बनभूलपुरा(नामजद), मौ० फुरकान पुत्र अब्दुल हमीद उम्र 35 वर्ष, निवासी-लाईन न०-07, बिलाली मस्जिद के पास, थाना-बनभूलपुरा, सालिम पुत्र मी० इस्लाम निवासी नई बस्ती ठोकर, गोपाल मन्दिर के पास बनभूलपुरा शामिल हैं। इस तरह पुलिस इस मामले में अब तक 82 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
टीम में एसओजी प्रभारी अनीस अहमद, लालकुआं कोतवाली के एसआई गौरव जोशी, एसओजी के हेड कांस्टेबल ललित कुमार, कांस्टेबल चन्दन नेगी शामिल रहे। वहीं पुलिस टीम को डीजीपी ने पचास हजार, डीआईजी कुमाऊं परिक्षेत्र ने पांच हजार और एसएसपी नैनीताल ने 25 सौ रूपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।