उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने मंगलवार तड़के भारी तबाही मचाई। आधी रात को आसमान से कहर बनकर बरसी बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया। कई क्षेत्रों में सैलाब जैसे हालात बन गए, वहीं सहस्रधारा में बादल फटने की घटना से हालात और भी गंभीर हो गए। इस आपदा में अब तक 15 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं।
बारिश के कहर के बीच प्रेमनगर क्षेत्र से एक हृदयविदारक दृश्य सामने आया, जहां एक व्यक्ति तेज बहाव से बचने के लिए खंभे पर चढ़ गया। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और देहरादून में मचे कोहराम की भयावहता को दर्शाने लगी। लोग रातभर जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते देखे गए।
मंगलवार तड़के सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने की सूचना ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी। इस क्षेत्र में कई संपत्तियों को नुकसान हुआ है। वहीं मालदेवता के पास एक गांव में मकान गिरने की घटना में आठ लोग मलबे में दब गए। राहत और बचाव कार्य के दौरान शाम तक कई शव निकाले जा चुके हैं, जबकि सर्च ऑपरेशन अभी जारी है।
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल टपकेश्वर महादेव मंदिर और जामुनवाला स्थित एकादश हनुमान मंदिर को भी भारी नुकसान हुआ है। दोनों मंदिरों में पानी भर गया और संरचनात्मक क्षति की भी खबर है।
पर्यटक स्थल गुच्चूपानी (रोबर्स केव) में सरकारी और निजी संपत्तियां या तो पूरी तरह नष्ट हो गईं या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं।
प्रेमनगर स्थित नंदा की चौकी के पास दशकों पुराना पुल तेज बहाव में टूट गया, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। इसके अलावा शहर के अन्य हिस्सों में भी कई छोटे-बड़े पुलों को नुकसान पहुंचा है, जिससे आम लोगों की आवाजाही पर सीधा असर पड़ा है।
देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार शाम से ही बारिश शुरू हो गई थी, लेकिन देर रात इसकी तीव्रता अचानक बढ़ गई। लगातार हो रही बारिश ने शहर के विभिन्न हिस्सों में जलभराव और भू-स्खलन की स्थिति पैदा कर दी। दून घाटी में हर ओर तबाही का मंजर देखने को मिला।
राज्य प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में SDRF और NDRF की टीमें तैनात कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राहत कार्यों में कोई कोताही न हो।