पुलिस की शर्मनाक कार्यशैली ने महकमे में खलबली मचा दी है। बिहार के वैशाली जिले में शर्मनाक मामला सामने आने के बाद जिले के एसपी ने सात पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मियों में दारोगा से लेकर महिला सिपाही तक शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाई और शराब के कारोबार में शामिल पाए गए। इस कार्रवाई के बाद एसपी के आदेश पर जांच तेज कर दी गई है, जिससे महकमे में हड़कंप मच गया है।
बता दें कि बिहार में 2016 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूर्ण शराबबंदी लागू है, और इसका पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग पर है। हालांकि, समय-समय पर ऐसी खबरें सामने आती रही हैं कि पुलिसकर्मी खुद शराब के अवैध कारोबार में संलिप्त हैं या माफिया से मिलीभगत करके पैसे बना रहे हैं। अब वैशाली में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरअसल, वैशाली एसपी हर किशोर राय के निर्देश पर महुआ एसडीपीओ सुरभ सुमन और महुआ पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इस दौरान एएलटीएफ टीम के एक आवास से 32 लीटर देसी और एक बोतल विदेशी शराब बरामद की गई। सूचना मिली थी कि एएलटीएफ टीम 3 के कुछ सदस्य छापेमारी में बरामद शराब को चोरी कर अपने पास रख लेते थे। जांच में यह भी सामने आया कि ये पुलिसकर्मी बरामद शराब को खुद पीते थे या फिर उसे बेचकर पैसे कमाते थे।
गिरफ्तार किए गए सात पुलिसकर्मियों में एसआई निसार अहमद, मुकेश कुमार, महिला सिपाही प्रिया रानी, होमगार्ड जवान रामप्रवेश सिंह, रत्नेश कुमार, और चालक मंतोष कुमार शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। एसपी हर किशोर राय ने मीडिया को बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई और इन पुलिसकर्मियों से पूछताछ के बाद मामले को गंभीरता से लिया गया है।