देहरादून। बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। इस मामले में जहां अंकिता के माता-पिता की ओर से कथित तौर पर वीआईपी को लेकर सोशल मीडिया में आरोप लगाए गए हैं। वहीं कांग्रेस ने भी अंकिता भंडारी न्याय यात्रा शुरू कर दी है। ऐसे में पुलिस की ओर से भी बयान जारी किया गया है। जिसमें साक्ष्य उपलब्ध कराने पर कार्रवाई की बात कही गई है।
पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता और पुलिस महानिरीक्षक पी/एम नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मीडिया एवं सोशल मीडिया पर अंकिता भण्डारी के माता-पिता द्वारा वर्तमान में अंकिता भण्डारी केस से सम्बन्धित तथाकथित वीआईपी के बारे में कई प्रकार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता को नामित करते हुए ये आरोप लगाया है कि पूर्व में हुई विवेचना में इन महानुभाव से संबंधित तथ्यों को सम्मिलित नहीं किया गया है और इनके संबंध में अग्रिम विवेचना की मांग की गई है।
पुलिस मुख्यालय की ओर से बताया गया कि अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है। साथ ही एसआईटी की विवेचना के दौरान वीरेन्द्र भण्डारी और अंकिता भण्डारी की मां सहित सभी गवाहों के विस्तृत बयान अंकित किये गये थे और विचारण के दौरान इनके द्वारा न्यायालय में भी अपने कथन अंकित करा लिये गये हैं।जिसमें न तो विवेचना के दौरान और न ही न्यायालय में गवाही के दौरान उनके द्वारा किसी वीवीआईपी के बारे में कोई बयान या साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं।
आरोप पत्र दाखिल होने के लगभग 13 माह के बाद मीडिया में पुलिस विभाग की कार्यवाही पर इस प्रकार आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा है कि पुलिस विभाग की एसआईटी का नेतृत्व एक डीआईजी स्तर की अनुभवी महिला अधिकारी द्वारा किया गया था। यदि अंकिता के माता पिता के पास इस केस से संबंधित कोई नए साक्ष्य आए हैं तो वो आज भी एसआईटी के सामने उन्हें प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र है। पुलिस विभाग उनके द्वारा प्रस्तुत सभी नए तथ्यों के बारे में विधिसम्मत और त्वरित कार्यवाही करेगा। नीलेश आनंद भरणे ने बयान जारी कर कहा है कि पुलिस अंकिता के माता पिता के प्रति पूरी सहानुभूति रखते है और उन्हें पुनः विश्वास दिलाते हैं कि अंकिता को न्याय दिलाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।