उत्तराखंड में 28 जनवरी से शुरू होने जा रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में देशभर से करीब एक हजार खिलाड़ी भाग लेंगे। 17 दिनों तक चलने वाले इन खेलों के शुरू होने से ठीक पहले हरिद्वार जिले में एक कोच द्वारा महिला खिलाड़ी के साथ की गई दुष्कर्म की घटना ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद खेल विभाग और पुलिस-प्रशासन ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में जुटी उत्तराखंड सरकार और खेल विभाग, जिनका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को करेंगे, अब इस घटना के बाद महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। खेल विभाग ने तत्काल महिला खिलाड़ियों के लिए सुरक्षा इंतजामों को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
खेल विभाग का स्पष्ट उद्देश्य है कि सभी खिलाड़ियों को, खासकर महिला खिलाड़ियों को, एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल मिले, ताकि वे अपनी प्रतियोगिताओं में बिना किसी डर के भाग ले सकें। इस दिशा में विशेष प्रमुख सचिव खेल, अमित सिन्हा ने बताया कि खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर विभाग ने कई अहम कदम उठाए हैं।
अमित सिन्हा ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए संबंधित जगहों पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर अधिकारियों के फोन नंबर होंगे। इससे खिलाड़ी किसी भी समस्या के समय तुरंत अधिकारियों से संपर्क कर सकेंगे। महिला खिलाड़ियों के आसपास सुरक्षा कर्मी और अधिकारी तैनात होंगे, ताकि वे किसी भी परेशानी को तुरंत हल कर सकें।
इसके अलावा, खेल विभाग के अधिकारी समय-समय पर महिला खिलाड़ियों से संवाद बनाए रखेंगे। राज्य की खेल मंत्री रेखा आर्य ने भी बताया कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान खिलाड़ियों के लिए एक टोल फ्री नंबर की व्यवस्था की जाएगी। इस हेल्पलाइन के माध्यम से खिलाड़ियों को इवेंट शेड्यूल, आपातकालीन सेवाओं और सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का समाधान मिल सकेगा।
38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ियों के ठहरने का इंतजाम होटल और हॉस्टल में किया गया है, क्योंकि इस बार खेल गांव का निर्माण नहीं किया गया है। ठंड के मौसम को देखते हुए, खिलाड़ियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए ठहरने की व्यवस्था में सभी जरूरी प्रबंध किए गए हैं।