राजधानी दून में 15 वर्षीय किशोरी को भगाकर ले जाने और मंदिर में शादी कर दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने बीस साल कठोर करावास की सजा सुनाई है। पोक्सो कोर्ट के जज पंकज तोमर ने गुरुवार को दिए फैसले में दोषी पर कुल तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। यह तीस हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दिए जाएंगे।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि पीड़िता के पिता ने चार दिसंबर 2018 को ऋषिकेश कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। कहा कि उनकी 15 वर्षीय बेटी को राजेश मंडल पुत्र धीरेंद्र मंडल निवासी बंगाली बस्ती, मायाकुंड, ऋषिकेश तीन दिसंबर 2018 को भगाकर ले गया। पुलिस ने लापता होने का केस दर्ज कर जांच शुरू की।
25 दिसंबर 2018 को पीड़िता को बरामद कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। केस ट्रायल पर आया तो पीड़िता ने कहा कि राजेश को वह चार साल से जानती है। दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। तीन दिसंबर 2018 को अपनी मर्जी से घर से निकली और राजेश के साथ रुद्रपुर गई। रुद्रपुर में दोनों ने चार दिसंबर 2018 को एक मंदिर में शादी की। इसके बाद एक होटल में साथ में रुके। जहां दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने।
छह दिसंबर 2018 को दोनों राजेश के रिश्तेदार के यहां चले गए। वहां 24 दिसंबर 2018 तक रहे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। कोर्ट में अभियोजन ने कहा कि आरोपी ने यह जानते हुए कि पीड़िता नाबालिक है, शादी का दिखावा कर संबंध बनाए गए। इसलिए कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने में राजेश मंडल को दोषी करार देते हुए सजा पर फैसला दिया।