उत्तराखंड में सरकार गिराने के बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने इस मुद्दे पर बहादुरी का परिचय दिया है।
रावत ने कहा कि निशंक ने साफ तौर पर कहा है कि सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए और उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि वे इस साजिश के निकट पहुँच चुके हैं।
रावत ने एक और पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बाद दो पूर्व मुख्यमंत्री, निशंक और त्रिवेंद्र, उस साजिश की आग के करीब पहुँच चुके हैं। उन्होंने स्पीकर से एक समिति गठित करने की अपील की, जिसमें विपक्ष को भी शामिल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि केवल खुफिया एजेंसियों पर निर्भर रहने के बजाय, सदन में भी इस मुद्दे की समीक्षा होनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निशंक के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह 70 विधायकों की साख का सवाल है और इस पर जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और किसी विधायक ने अभी तक बयान का खंडन नहीं किया है, जिससे जनता में गलत संदेश जा सकता है।
रावत ने भी इस मामले की समीक्षा के लिए स्पीकर से प्रमाण मांगने का आग्रह किया, यह बताते हुए कि यह राजनीति का समय नहीं बल्कि विधायकों की साख का मामला है।