उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार गहराता जा रहा है। वन्यजीवों के हमलों में बढ़ोतरी से लोग भय के साए में जी रहे हैं। इसी कड़ी में गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में गुलदार के लगातार हो रहे हमलों ने हालात और गंभीर कर दिए हैं। मंगलवार को आंगनबाड़ी से घर लौट रहे 4 वर्षीय बच्चे पर गुलदार के हमले से लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि गुरुवार को गजल्ट गांव में गुलदार ने 45 वर्षीय राजेन्द्र नौटियाल की जान ले ली। मंदिर से पूजा कर घर आते समय घात लगाए बैठे गुलदार ने उन पर हमला कर दिया और शव को झाड़ियों में खींच कर ले गया। घटना ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार बढ़ती घटनाओं के बावजूद वन विभाग प्रभावी कदम नहीं उठा रहा है। उनका कहना है कि विभागीय अधिकारी सिर्फ औपचारिक दौरे तक सीमित रहते हैं, जिससे लोगों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि जब तक डीएफओ गांव में आकर हालात का जायजा नहीं लेते और उनसे संवाद नहीं करते, वे विरोध जारी रखेंगे और शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाने देंगे।
राजेन्द्र नौटियाल अपने छोटे बच्चों के पालन-पोषण के लिए दूध बेचकर परिवार चलाते थे। उनकी अचानक हुई मौत से परिवार गहरे दुख और आर्थिक संकट में डूब गया है। इससे पहले भी कोटी गांव में गुलदार एक महिला की जान ले चुका है, जबकि डोभाल ढांडरी क्षेत्र में एक महिला पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर चुका है। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने पौड़ी जिले में खौफ का माहौल बना दिया है, और लोग घर से बाहर निकलने से भी डरने लगे हैं।


