कोर्ट ने आरोपी को सुनाई यह सजा, मां को किया बरी
हल्द्वानी। तीन बच्चों का पिता नाबालिग को तीन साल तक हवस का शिकार बनाता रहा। इसका पता चलने पर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में स्पेशल जज पॉक्सो नंदन सिह ने दुष्कर्मी को 20 साल की सजा 41 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि आरोपी की मां को अदालत ने बरी कर दिया है।
पीड़िता की ओर से मामले की पैरवी कर रहे एडीजीसी फौजदारी नवीन चंद्र जोशी ने बताया, 2015 में पीड़िता 11वीं की छात्रा थी। वर्ष 2015 में स्कूल के वार्षिकोत्सव में पीड़िता अपने दोस्त के जरिए कालाढूंगी क्षेत्र निवासी अरुण गड़िया से मिली। वह शादीशुदा और दो बच्चों का पिता था लेकिन यह बात उसने पीड़िता से छिपाई और प्यार में फंसा लिया। करीबियां बढ़ने पर फोन गिफ्ट किया और एक दिन कार से छात्रा के स्कूल पहुंच गया। वहां से उसे मुखानी ले गया जहां से उसके साथ दुष्कर्म किया।
वर्ष 2016 में उसे नैनीताल ले गया और कोल्डड्रिंक में शराब पिलाकर दुष्कर्म किया और शादी का झांसा देता रहा। उस रात लड़की देर से घर पहुंची तो घरवालों ने फटकार लगा दी। तड़के अरुण उसे लेकर फरार हो गया। मुखानी थाने में शिकायत हुई तो वह लड़की को सुपुर्द कर गया। परिजनों ने लड़की को पहले उत्तर प्रदेश में अपने एक रिश्तेदार और फिर नाना-नानी के घर भेजा लेकिन अरुण ने पीछा नहीं छोड़ा। वह दोनों जगह से उसे ले आया और पुलिस के दखल पर फिर सुपुर्द कर दिया। इसके बाद वह उसे फिर अपने घर ले गया।
पीड़िता कालाढूंगी पहुंची तो पता लगा कि वहां युवक की पत्नी और दो बच्चे हैं। करीब एक साल वो यहां कैद में रही फिर किसी पड़ोसी से संपर्क कर समाजसेवी संगठन तक पहुंची। वर्ष 2021 में समाजसेवी संगठन ने उसका रेस्क्यू किया और थाने पहुंचा। इसके बाद अरुण और होमगार्ड में तैनात मां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामले में आठ गवाह पेश किए गए। इसके आधार पर दुष्कर्मी को 20 साल की सजा और 41 हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई। मामले में युवक की मां को बरी कर दिया गया।