उत्तराखंड में लगातार तेज बारिश के चलते स्थिति गंभीर होती जा रही है। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे राज्य भर में लोगों और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
राजधानी देहरादून में बीते 72 घंटों से हो रही तेज बारिश ने कई इलाकों में हालात बिगाड़ दिए हैं। शहर के बरसाती नाले उफान पर हैं, और कई स्थानों से मवेशियों के बह जाने की खबरें सामने आई हैं। मौसम विभाग के अनुसार 16 अगस्त तक तेज बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है, जिससे हालात और भी बिगड़ने की आशंका है।
मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा चेतावनी के अनुसार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चंपावत और बागेश्वर जिलों में 13 अगस्त के लिए रेड अलर्ट तथा 14 अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पूरे राज्य में 16 अगस्त तक मौसम अलर्ट प्रभावी रहेगा।
भारी बारिश के चलते केदारनाथ और गंगोत्री धाम की यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। वहीं, बदरीनाथ और यमुनोत्री धाम में भी बारिश के चलते संवेदनशील क्षेत्रों में खतरा बना हुआ है। विशेषकर उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल की आपदा के बाद हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं, जहां कई सड़कों को नुकसान पहुंचा है और रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधाएं आ रही हैं।
राज्य के अन्य पर्वतीय जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत में भी भारी बारिश ने सड़क मार्गों को क्षतिग्रस्त किया है। भारी मलबा और भू-स्खलन के कारण कई मोटर मार्ग बंद हो चुके हैं, जिससे आवागमन में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
प्रशासन को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर नदी किनारे बसे इलाकों में रात के समय विशेष सतर्कता बरती जाए। जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बारिश के कारण बचाव कार्यों पर भी असर पड़ रहा है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भू-स्खलन और मार्ग अवरोधन की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।
जनता से अनुरोध किया गया है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें, अनावश्यक यात्रा से बचें, और संवेदनशील इलाकों से दूर रहें। प्रशासन सभी आवश्यक सेवाओं और राहत कार्यों के लिए तैयार है।