उत्तराखंड में पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में अवैध कैसीनो का भंडाफोड़ हुआ, जिसमें मकान मालिक समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। देहरादून के सलियावाला जंगल के बीच स्थित एक मकान में गैरकानूनी रूप से कैसीनो संचालित किया जा रहा था। आरोपियों के कब्जे से 1900 कैसीनो कॉइन्स, करीब 89 हजार रुपए नकद और 12 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
देहरादून पुलिस के अनुसार, एसएसपी देहरादून और एसएसपी एसटीएफ को सूचना मिली कि सलियावाला के जंगल के बीच बने मकान में अवैध गतिविधियां चल रही हैं। इस पर प्रेमनगर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने 2 अगस्त की देर रात छापा मारा। पुलिस ने मकान के एक बड़े कमरे में कैसीनो चलते हुए पाया, जहां लोग कॉइन्स के जरिए जुआ खेल रहे थे। मौके पर 12 लोगों को जुआ अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 1900 कैसीनो कॉइन्स, दो ताश के पत्ते, 89,700 रुपये नकद और 12 मोबाइल फोन बरामद हुए। साथ ही पुलिस आरोपियों के बैंक खातों की जांच भी कर रही है।
गिरफ्तार आरोपियों में मकान मालिक शशांक गुप्ता (गुड़गांव), निखिल (दिल्ली), गौरव मग्गो (नई दिल्ली), हिमांशु अरोड़ा (नई दिल्ली), उमेश रावत (देहरादून), चंद्रशेखर (देहरादून), जतिन राणा (थाना त्यूणी, देहरादून), मनोहर सिंह चौहान (थाना त्यूणी, देहरादून), चरण सिंह चौहान (चकराता, देहरादून), विनोद (उत्तरकाशी), जीवन शर्मा (देहरादून) और केशव उर्फ बबलू सिंह धामी (नेपाल) शामिल हैं।
सीओ प्रेमनगर रीना राठौड़ ने बताया कि दिल्ली से आए आरोपियों ने कबूल किया कि वे पहली बार देहरादून आए हैं और उन्हें जुआ खेलने का शौक है। वे विभिन्न राज्यों में जाकर कैसीनो खेलते हैं। देहरादून के निवासी शशांक, उमेश रावत और विक्रम शाह समेत अन्य लोगों के संपर्क में आकर उन्होंने यहां जुआ खेलने की योजना बनाई।
पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला कि आरोपी ज्यादा नकद अपने पास नहीं रखते थे, बल्कि पैसे का लेन-देन केवल बातचीत के जरिए होता था और जीतने वाले को ही पैसे देना होते थे। मकान मालिक और देहरादून के अन्य आरोपियों ने कहा कि दिल्ली से आए लोग उनके दोस्त हैं, जिन्हें उन्होंने पहली बार देहरादून बुलाया था।