उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में एक हैरान करने वाला ज़मीन घोटाला सामने आया है, जिसमें विदेश में रह रहे एनआरआई की करोड़ों रुपये की संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए कब्जा कर लिया गया। मामले में एक राजनीतिक दल के नेता समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पीड़ित जसपाल सिंह, निवासी चंद्रपुर तिवाड़ी (पीरूमदारा), ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पास बलबीर सिंह नामक व्यक्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी है, जो विदेश में रहते हैं। आरोप है कि गांव के ही राजेश पाल, चंद्रशेखर उर्फ चंदन और एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर बलबीर सिंह की पहचान के फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन अपने नाम करा ली।
आरोपियों ने मुरादाबाद जिले के बहापुर बलिया निवासी एक अन्य बलवीर पुत्र केसरी के पुराने जाति और निवास प्रमाणपत्र का दुरुपयोग कर उसमें बलबीर सिंह का नाम दर्ज करवा दिया। इसी फर्जी पहचान के आधार पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज तैयार किए गए।
इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नकली बलबीर सिंह के जरिए जमीन की रजिस्ट्री की गई, जिसमें गवाह के तौर पर चंदन और राजेश पाल शामिल थे। कुछ संपत्ति सीधे चंदन और उसकी पत्नी के नाम हुई, जिसे बाद में राजेश पाल की पत्नी को भी हस्तांतरित किया गया।
रामनगर कोतवाली के एसएसआई यूनुस खान ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 336(3), 338 और 340(2) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच की जिम्मेदारी पीरूमदारा चौकी प्रभारी सुनील धानिक को दी गई है।