नई दिल्ली— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट की घटना को ‘कायरतापूर्ण आतंकी हमला’ घोषित करते हुए इसकी कड़ी निंदा की गई। मंत्रिमंडल ने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों व उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
कैबिनेट ने इस हमले को ‘देश-विरोधी तत्वों की साजिश’ बताते हुए सरकार की ‘आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता’ की नीति को दोहराया। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह हमला राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा रची गई एक भयावह आतंकी साजिश थी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने जांच एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए और अपराधियों, उनके सहयोगियों व संरक्षकों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाया जाए।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एलएनजेपी अस्पताल जाकर धमाके में घायल लोगों से मुलाकात की। लगभग 25 मिनट तक अस्पताल में रुककर उन्होंने घायलों का हालचाल लिया और कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दिल्ली विस्फोट के प्रभावित लोगों से मुलाकात की। सभी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस षड्यंत्र में शामिल हर व्यक्ति को सजा दिलाई जाएगी।”
गौरतलब है कि यह धमाका उस समय हुआ जब पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए तीन डॉक्टरों समेत आठ संदिग्धों को हिरासत में लिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद लाल किला क्षेत्र में धीमी रफ्तार से चल रही एक कार में जोरदार विस्फोट हुआ। इस घटना में 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
पुलिस ने जांच के दौरान अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम क्लोरेट और सल्फर सहित बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह आतंकी मॉड्यूल जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था।
सरकार ने कहा है कि इस हमले के पीछे के सभी जिम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द न्याय के दायरे में लाया जाएगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।


