उत्तराखंड में जनसेवा केंद्रों के माध्यम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने की खबरों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएँ।
इस संबंध में सीएम धामी ने हरिद्वार, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर और देहरादून जिलों में सामने आए मामलों पर गृह सचिव शैलेश बगौली को विशेष रूप से सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
बीते दिन नैनीताल जिले के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा क्षेत्र में कुमायूं आयुक्त द्वारा की गई छापेमारी में एक जनसेवा केंद्र पर फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्र तैयार किए जाने का मामला सामने आया। इस दौरान केंद्र संचालक फैजान मिकरानी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके खिलाफ पुलिस में तहसीलदार की ओर से तहरीर दर्ज कराई गई है।
प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए डीएम नैनीताल ललित मोहन रयाल ने संबंधित जनसेवा केंद्र के साथ-साथ ‘अर्जिनविस’ प्रणाली से बनाए गए सभी पूर्व दस्तावेजों की जांच के निर्देश हल्द्वानी एसडीएम को दे दिए हैं। इसके अलावा जिले के अन्य जनसेवा केंद्रों की भी व्यापक जांच की जाएगी।
ज्ञात हो कि उत्तराखंड में दस्तावेजों में हेरफेर कर अवैध रूप से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाए जाने की शिकायतें समय-समय पर सामने आती रही हैं। उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिलों में भी पहले ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं, जबकि देहरादून में परिवार रजिस्टरों में हेरफेर कर निवासी प्रमाण पत्र तैयार किए जाने की घटनाएँ सामने आई थीं। सरकार ने अब इन मामलों पर सख्त रवैया अपनाते हुए व्यापक जांच का आदेश दिया है।


